भारतीय बैंकिंग सिस्टम बहुत बड़ा है इसलिए भारतीय बैंक में कुछ प्रोडक्ट होते है इन प्रोडक्ट को ही बैंक बेच कर की बैंक अपनी आय अर्जन करते है। हम आप को कुछ बैंक के प्रोडक्ट के बारे में बताएंगे इन प्रोडक्ट के बारे में अक्सर इंटरव्यू में सवाल पूछे जाते है।
बैंकिंग प्रोडक्ट |
1. Saving Account ( बचत खाता )
बचत खाता वो होता है जिस का उपयोग भारत का हर व्यक्ति बचत करने के उद्देश्य से अपना बचत खाता खुलवा सकता है ये खाता केवल बचत करने के लिए की खोला जाता है।
हर बैंक बचत खाते पर अपने कस्टमर को कुछ % इंटेरेस्ट देता है इसलिए ज्यादा से ज्यादा लोग अपने पूंजी को बैंक में रखना उचित समझते है।
सरकारी बैंक बचत खाते पर 3-4 % तक इंटेरेस्ट देते है जो कि सरकार के कॉन्ट्रल में होता है। और प्राइवेट बैंक अपने अपने पालिसी के हिसाब से इंटेरेस्ट देते है इन पर सरकार का कंट्रोल नही होता है प्राइवेट बैंक 4 से 8% तक भी इंटेरेस्ट दे रहे है।
RBI के नए नियम के अनुसार बचत खाता खुलवाने के लिए आधार कार्ड और पैन कार्ड की जरूरत होती है।
बचत खाते में एक सीमित संख्या में आप रोज लेन देन कर सकते है अगर उस संख्या से ज्यादा लेन देन करते है तो बैंक बचत खाते पर कुछ चार्जेज लगता है जो कस्टमर के खाते से काट लिए जाते है।
2. Current account ( चालू खाता )
चालू खाता को व्यपारीओ के लिए बनाया गया है ये खाता वो लोग ही खुलवा सकते है जो कि किसी प्रकार के व्यपार को चलता है और उसके पास उस व्यपार को चलाने का प्रमाण पत्र होना चाहिए तभी वह चालू खाता खुलवा सकता है।
इस खाते को बचत खाते के रूप में इस्तेमाल नही किया जाता है।
चालू खाते पर बैंक अपने कस्टमर को कोई इंटेरेस्ट नही देता है और बैंक अपने कस्टमर ने कुछ % सर्विस चार्जेज लेता है।
चालू खाते में आप एक दिन में कितने भी लेने देने कर सकते।
चालू खाते को खुलवाने के लिए आप के पास अपने व्यपार के प्रमाण पत्र होने चाहिए।
3. Fixed deposit
Fixed deposit का अर्थ होता है एक निश्चित धनराशि को एक निश्चित समय के लिए कस्टमर बैंक को देता है जिस पर बैंक अधिक इंटेरेस्ट देता है।
कोई भी व्यक्ति फिक्स्ड डिपाजिट करा सकता है।
बैंको में आप 7 दिन से लेकर 10 साल की अवधि के लिए फिक्स्ड डिपाजिट करा सकता है।
अगर कोई कस्टमर फिक्स्ड डिपाजिट की अवधि से पहले अपनी धनराशि निकलना चाहता है तो बैंक उस पर कुछ चार्जेज लगाकर कस्टमर को उसकी धनराशि दे दी जाती है।
4. Recurring deposit
Recurring डिपाजिट में कस्टमर हर महीने एक निश्चित राशि बैंक में जमा करता है और एक निश्चित समय तक करता है। बैंक इस डिपाजिट पर भी अधिक इंटेरेस्ट देता है।
5. Loan ( लोन)
लोन का अर्थ होता है कि एक निश्चित धनराशि को एक निश्चित समय के लिए इस उद्देश्य से उधार देन ताकि जब उनको ये राशि वापिस मिले तो साथ मे इस के साथ इंटेरेस्ट भी मिले।।
बैंक अपने कस्टमर को लोन देता है और उन पर एक निश्चित दर से इंटेरेस्ट के साथ वापिस लेता है।
बैंक दो प्रकार के loan देता है।
1. Secured loan। 2. Unsecured loan
Secured loan का अर्थ होता है जब कस्टमर से जमानत के तौर पर कुछ गिरवी रखवाया जाता है होम लोन में बैंक घर के पेपर अपने पास रख लेता है और जब कस्टमर loan चुका देता है तो उनके पेपर वापिस कर देता है।
Unsecured लोन वो लोन होते है जिसके लिए कस्टमर को बैंक के पास कुछ गिरवी नही रखना पड़ता है या कोई भी सिक्योरिटी नही जरूरत नही होती है ऐसे लोन होते पर्सनल लोन , एजुकेशन लोन, आदि।
6. Personal loan
Personal loan एक secured या unsecured लोन हो सकता है पर्सनल लोन को व्यक्ति अपने मर्जी के हिसाब से कही भी खर्च कर सकता है ये लोन मंहगा होता है।
7. Home loan
होम लोन एक secured loan होता है जो बैंक अपने कस्टमर को घर खरीदने के लिए loan देता है पर बैंक अपने पास कस्टमर के घर के पेपर सेक्युरिटी के रूप में अपने पास रख लेता है और जब loan का repaymant हो जाता तो पेपर कस्टमर को वापिस कर देते है। होम लोन पर इंटेरेस्ट कम होता है।
8. Business loan
बिज़नेस loan केवल व्यपारी को दिया जाता है ये न्यू व्यपार के लिए या फिर व्यपार को बड़ा करने के लिए बैंक अपने कस्टमर को देता है।
इस loan को लेने के लिए आप के पास कोई व्यपार होना चाहिए या फिर अगर आप कोई व्यपार शुरू करना है तो आप को व्यपार के प्रमाण पत्र दिखाने होते है।
9. Educational loan
एजुकेशन लोन एक unsecured loan होता है जो किसी studant को दिया जाता है अपनी पढ़ाई को आगे पूरा करने के लिए दिया जाता है और loan का repaymant जब पढ़ाई खत्म हो जाती है और studant को जॉब मिल जाती है तब उसको इसका repaymant करना होता है। इस लोन के लिए कोई सिक्योरिटी जमा करने की जरूरत नही होती है।
10. Vehical loan
वेहिकल लोन का आशय होता है की जब किसी कस्टमर पास अपने लिए गाड़ी खरीदने की लिए पैसे नहीं होते है तो वह वेहिकल लोन लेता है जो बैंक था NBFC के जरिये ले सकता है और वह फिर लोन का भुगतान एक निश्चित समय में कर सकता है अगर वह लोन है भुगतान समय पर नहीं कर पता है तो बैंक या NBFC के पास यह अधिकार होता है की वह वाहन को अपने कब्जे में ले सके |
यह एक प्रकार का secured loan होता है
11. Loan against property. (LAP )
यह एक प्रकार का सिक्योर्ड लोन होता है इस में कस्टमर को अपनी प्रॉपर्टी को बैंक के पास सिक्योरिटी के रूप में रखना होता है और लोन का अमाउंट प्रॉपर्टी की कीमत पर तय किया जाता है इस पर इंटरेस्ट रेट कम होता है क्युकी लोन का भुगतान न होने पर बैंक प्रॉपर्टी को बेच कर अपने पैसे रिकवर कर सकता है |
इस में कस्टमर को ज्यादा से ज्यादा लोन अमाउंट मिलने की संभावना होती है इस लोन का भुगतान कस्टमर 15
साल तक भी कर सकता है |
12. Gold loan
गोल्ड लोन में कस्टमर अपने गोल्ड को बैंक या NBFC में रख कर लोन ले सकता है या फिर अपने गोल्ड को ओपन मार्किट बेच भी सकता है यह एक secured लोन होता है
इस लोन का प्ररंभा साल 1990 से होया जिस में कस्टमर अपने गोल्ड, और सोने के आभूर्षन को बैंक या NBFC में रख कर लोन ले सकता है और लोन का भुगतान करने के बाद अपने गोल्ड को वापिस ले सकता है |
बचत खाते में एक सीमित संख्या में आप रोज लेन देन कर सकते है अगर उस संख्या से ज्यादा लेन देन करते है तो बैंक बचत खाते पर कुछ चार्जेज लगता है जो कस्टमर के खाते से काट लिए जाते है।
2. Current account ( चालू खाता )
चालू खाता को व्यपारीओ के लिए बनाया गया है ये खाता वो लोग ही खुलवा सकते है जो कि किसी प्रकार के व्यपार को चलता है और उसके पास उस व्यपार को चलाने का प्रमाण पत्र होना चाहिए तभी वह चालू खाता खुलवा सकता है।
इस खाते को बचत खाते के रूप में इस्तेमाल नही किया जाता है।
चालू खाते पर बैंक अपने कस्टमर को कोई इंटेरेस्ट नही देता है और बैंक अपने कस्टमर ने कुछ % सर्विस चार्जेज लेता है।
चालू खाते में आप एक दिन में कितने भी लेने देने कर सकते।
चालू खाते को खुलवाने के लिए आप के पास अपने व्यपार के प्रमाण पत्र होने चाहिए।
3. Fixed deposit
Fixed deposit का अर्थ होता है एक निश्चित धनराशि को एक निश्चित समय के लिए कस्टमर बैंक को देता है जिस पर बैंक अधिक इंटेरेस्ट देता है।
कोई भी व्यक्ति फिक्स्ड डिपाजिट करा सकता है।
बैंको में आप 7 दिन से लेकर 10 साल की अवधि के लिए फिक्स्ड डिपाजिट करा सकता है।
अगर कोई कस्टमर फिक्स्ड डिपाजिट की अवधि से पहले अपनी धनराशि निकलना चाहता है तो बैंक उस पर कुछ चार्जेज लगाकर कस्टमर को उसकी धनराशि दे दी जाती है।
4. Recurring deposit
Recurring डिपाजिट में कस्टमर हर महीने एक निश्चित राशि बैंक में जमा करता है और एक निश्चित समय तक करता है। बैंक इस डिपाजिट पर भी अधिक इंटेरेस्ट देता है।
5. Loan ( लोन)
लोन का अर्थ होता है कि एक निश्चित धनराशि को एक निश्चित समय के लिए इस उद्देश्य से उधार देन ताकि जब उनको ये राशि वापिस मिले तो साथ मे इस के साथ इंटेरेस्ट भी मिले।।
बैंक अपने कस्टमर को लोन देता है और उन पर एक निश्चित दर से इंटेरेस्ट के साथ वापिस लेता है।
बैंक दो प्रकार के loan देता है।
1. Secured loan। 2. Unsecured loan
Secured loan का अर्थ होता है जब कस्टमर से जमानत के तौर पर कुछ गिरवी रखवाया जाता है होम लोन में बैंक घर के पेपर अपने पास रख लेता है और जब कस्टमर loan चुका देता है तो उनके पेपर वापिस कर देता है।
Unsecured लोन वो लोन होते है जिसके लिए कस्टमर को बैंक के पास कुछ गिरवी नही रखना पड़ता है या कोई भी सिक्योरिटी नही जरूरत नही होती है ऐसे लोन होते पर्सनल लोन , एजुकेशन लोन, आदि।
6. Personal loan
Personal loan एक secured या unsecured लोन हो सकता है पर्सनल लोन को व्यक्ति अपने मर्जी के हिसाब से कही भी खर्च कर सकता है ये लोन मंहगा होता है।
7. Home loan
होम लोन एक secured loan होता है जो बैंक अपने कस्टमर को घर खरीदने के लिए loan देता है पर बैंक अपने पास कस्टमर के घर के पेपर सेक्युरिटी के रूप में अपने पास रख लेता है और जब loan का repaymant हो जाता तो पेपर कस्टमर को वापिस कर देते है। होम लोन पर इंटेरेस्ट कम होता है।
8. Business loan
बिज़नेस loan केवल व्यपारी को दिया जाता है ये न्यू व्यपार के लिए या फिर व्यपार को बड़ा करने के लिए बैंक अपने कस्टमर को देता है।
इस loan को लेने के लिए आप के पास कोई व्यपार होना चाहिए या फिर अगर आप कोई व्यपार शुरू करना है तो आप को व्यपार के प्रमाण पत्र दिखाने होते है।
9. Educational loan
एजुकेशन लोन एक unsecured loan होता है जो किसी studant को दिया जाता है अपनी पढ़ाई को आगे पूरा करने के लिए दिया जाता है और loan का repaymant जब पढ़ाई खत्म हो जाती है और studant को जॉब मिल जाती है तब उसको इसका repaymant करना होता है। इस लोन के लिए कोई सिक्योरिटी जमा करने की जरूरत नही होती है।
10. Vehical loan
वेहिकल लोन का आशय होता है की जब किसी कस्टमर पास अपने लिए गाड़ी खरीदने की लिए पैसे नहीं होते है तो वह वेहिकल लोन लेता है जो बैंक था NBFC के जरिये ले सकता है और वह फिर लोन का भुगतान एक निश्चित समय में कर सकता है अगर वह लोन है भुगतान समय पर नहीं कर पता है तो बैंक या NBFC के पास यह अधिकार होता है की वह वाहन को अपने कब्जे में ले सके |
यह एक प्रकार का secured loan होता है
11. Loan against property. (LAP )
यह एक प्रकार का सिक्योर्ड लोन होता है इस में कस्टमर को अपनी प्रॉपर्टी को बैंक के पास सिक्योरिटी के रूप में रखना होता है और लोन का अमाउंट प्रॉपर्टी की कीमत पर तय किया जाता है इस पर इंटरेस्ट रेट कम होता है क्युकी लोन का भुगतान न होने पर बैंक प्रॉपर्टी को बेच कर अपने पैसे रिकवर कर सकता है |
इस में कस्टमर को ज्यादा से ज्यादा लोन अमाउंट मिलने की संभावना होती है इस लोन का भुगतान कस्टमर 15
साल तक भी कर सकता है |
12. Gold loan
गोल्ड लोन में कस्टमर अपने गोल्ड को बैंक या NBFC में रख कर लोन ले सकता है या फिर अपने गोल्ड को ओपन मार्किट बेच भी सकता है यह एक secured लोन होता है
इस लोन का प्ररंभा साल 1990 से होया जिस में कस्टमर अपने गोल्ड, और सोने के आभूर्षन को बैंक या NBFC में रख कर लोन ले सकता है और लोन का भुगतान करने के बाद अपने गोल्ड को वापिस ले सकता है |
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